- माँ -
मुझे
जन्म दिया किया एक एहसान
मुझे खिलाया , पिलाया , बनाया
एक अच्छा इंसान।
माँ दुनिया में कोई आपके जैसा नहीं , आप दुनिया में केवल एक हैं।
आप मुझे बुराई से बचाती , जो
दुनिया में अनेक हैं ।
आपकी ममता से मैंने स्वर्ग को पाया।
जब भी मैं गिरा आपने मुझे उठाया।
माँ आपका कर्ज़ मैं कैसे चुकाऊँ, आपने मुझे चलना सिखाया।
सच कहता हूँ मैं आपके बिना मैं जी
पाउँगा |
क्योंकि माँ , आप ही हो मेरे इरादों की ज्वाला ,
प्यार का पिटारा , मेरा शाही खज़ाना ।
आप ही तो हो मेरा आठवा अजूबा।
आप मेरे और अंधकार के बीच हो एक रेखा।
माँ
, अगर मुझसे कोई भूल हो तो कर देना क्षमा
पर कभी छोड़कर न जाना।
"प्रियांशु नायक”
(कक्षा -आठ - जे)
“जन्मभूमि भी जननी है”
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